तितली, मेरी पहली प्रेमिका। तितली, मेरी पहली प्रेमिका।
औरों के ही हो प्यार के रंग हज़ार, मेरे तो सिर्फ़ और सिर्फ़ तुम प्यार। औरों के ही हो प्यार के रंग हज़ार, मेरे तो सिर्फ़ और सिर्फ़ तुम प्यार।
दरवाजे़ पर ताला लगता है दरवाजा़ घुट रहा हैं इस बंधन से... दरवाजे़ पर ताला लगता है दरवाजा़ घुट रहा हैं इस बंधन से...
स्त्रियों के भी कई रूप होते हैं , वो जब प्रेम की सीढ़ी चढ़ती है,तो बस उसी में खो जाती। स्त्रियों के भी कई रूप होते हैं , वो जब प्रेम की सीढ़ी चढ़ती है,तो बस उसी में ...
रात के दो पहर ही होते हैं रात के दो पहर ही होते हैं
मीठे पानी से जो मुग्ध कर गया कुछ यूँ कि कितनी ही उम्र कि कितनी ही जिंदगियाँ बीतती गईं हम बदलते रहे द... मीठे पानी से जो मुग्ध कर गया कुछ यूँ कि कितनी ही उम्र कि कितनी ही जिंदगियाँ बीतत...